जंगल मे एक साँप अपने ज़हर की तारीफ़ कर रहा था कि मेरा डसा पानी भी नहीं माँगता!
पास बैठे मेंढक उसका मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि लोग तेरे डर से मरते हैं, ज़हर से नहीं!!
दोनों की बहस मुकाबले में बदल गई अब यह तय हुआ कि किसी इंसान को साँप छुप कर काटेगा और मेंढक फुदककर सामने आएगा और दूसरा ये कि इंसान को मेंढक काटेगा और साँप फन उठाकर सामने आएगा!!
तभी इतने में एक राहगीर आता दिखाई दिया उसको साँप ने छुप के काटा और टांगों के बीच से मेंढक फुदक के निकला, राहगीर मेंढक देख के ज़ख़्म को खुजाते हुए चला गया ये सोचकर कि मेंढक ही तो है और उसे कुछ नहीं हुआ!!
अब दुसरे राहगीर को मेंढक ने छुप के काटा और साँप फन फैलाकर सामने आ गया वह राहगीर दहशत के मारे जमीन पर गिर गया और उसने वहीं दम तोड़ दिया!!
इसी तरह दुनिया में हर रोज़ हज़ारों इंसान मरते हैं, जिनको अलग-अलग बीमारियां होती हैं, कितने तो बगैर बीमारी के ही मर जाते हैं!!
अब आप देखिए दूसरी मौत के मुक़ाबले कोरोना से मरने वालों की संख्या बहुत ही कम है,
मौत एक सच है ,हर हाल में आनी है!
लेकिन सावधानी (Precaution) आवश्यक है! डर को खुद से दुर रखें, डर और निराशा से इंसान टूट जाता है! फिर उसका किसी भी बीमारी से लडना आसान नही !
कोरोना से बहुत से लोग ठीक हो चुके हैं और हो भी रहे हैं मौत उसकी आती है जिसके ज़िन्दगी के दिन पूरे हो चुके होते हैं!
डर को दिमाग में बिठाकर मौत से पहले अपनी ज़िन्दगी को मौत से बदतर ना करें जीने की चाहत अपने आप में पैदा करेंगे तो कोई मुश्किल कोई परेशानी आपका कुछ नही बिगाड सकती!!
बस लापरवाही न करें!!