Home Forums BEHAVIOUR/ EMOTIONAL ISSUES Suicide case of sushant singh

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  • #1022
    manan
    Participant

    *तनाव के उन क्षणों में मजबूत लोग भी आत्महत्या कर लेते हैं..*

    वो लोग जिनके पास सब कुछ है ..
    *शान … शौकत … रुतबा … पैसा .. इज्जत*
    इनमें से कुछ भी उन्हें नहीं रोक पाता ..

    तो फिर क्या कमी रह जाती है ???

    *कमी रह जाती है उस ऊँचाई पर एक अदद दोस्त की*

    *कमी होती है उस मुकाम पर एक अदद राजदार की*

    एक ऐसे दोस्त की जिसके साथ *”चांदी सोने के कपों”* में नहीं ,
    *किसी छोटी सी चाय के दुकान पर भी बैठ सकते ..*

    जो उन्हें बेतुकी बातों से जोकर बन कर हंसा पाता …

    वह जिससे अपनी दिल की बात कह हल्के हो सके..
    वह जिसको देखकर
    अपना स्ट्रेस भूल सके

    *वह दोस्त*
    *वह यार*
    *वह राजदार*
    *वह हमप्याला*
    उनके पास नहीं होता
    जो कह सके तू सब छोड़ … *चाय पी मैं हूं ना तेरे साथ …*
    और आखिर में
    यही मायने कर जाता है…

    सारी दुनिया की धन दौलत एकतरफ…सारा तनाव एक तरफ ..
    *वह दोस्त वह एक तरफ !!!*

    *लेकिन अगर आपके पास वह दोस्त है वह यार है*

    *तो कीमत समझिये उसकी…*

    चले जाइए एक शाम उसके साथ चाय पर …
    जिंदगी बहुत हसीन बन जाएगी……

    *याद रखिए आपके तनाव से यदि कोई लड़ सकता है तो वो है आपका दोस्त और उसके साथ की एक कप गर्म चाय !!!*

    *सभी दोस्तों को समर्पित ।*
    😊😊😊😊

    #1028
    Chiku
    Participant

    Very true. Friends are lifeline.

    #1029
    shribala
    Participant

    ये बात बिल्कुल सही है कि जब कोई भी इस कदर तनाव में होता है ,एक तो सच्चा मित्र और दूसरे डाक्टर की सलाह और इलाज मिल जाए तभी इस परिस्थिति को टाला जा सकता है , कोई सुनने वाला सच्चा दोस्त ना हो पास उस तनावपूर्ण स्थिति में और वो खुद डाक्टर के पास जाने की मानसिक स्थिति में ना हो तो ऐसी भीषण घटना घटित हो जाती है, इसलिए हम सब की ये ज़िम्मेदारी भी है कि हमारी जानकारी में कोई भी अगर ऐसे हालात से गुज़र रहा हो उस के परिवार एवं उस के मित्र को इस बात की जानकारी दें और जब तक कोई उस के पास नहीं आ जाए उस को किसी भी तरह से अकेला ना छोड़ें.

    #1038
    admin
    Participant

    The lesson from this incident is also for the person who is facing such problem or issue. Some issues are such which one can share with anyone and some are of the nature which can’t be discussed, as the sufferer thinks so. The crux is we need to become extrovert and to take extra care of introvert person. Though, an extrovert person can also face similar situation where he/ she do not want to share his/ her problem with anyone. Another point is to find out the reasons which make the person feel so depressed. Western life style, nuclear families, reduced emotional attachment may also be reasons for feeling solitude. Joint families not only help in having a high emotional quotient rather also keep the moral high because the person is aware that the whole family is there to support him/ her in case of any problem. If we see carefully, mostly such incidents occur due isolation, feeling of non-attachment, least emotional quotient. An emotional person is more prone to such illness. Earning money is important but we all need to revisit our relations to access the emotional quotient, family bonding and trustworthiness for sharing each and every problem with each other.

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